एक जंगल में एक बुद्धिमान बन्दर रहता था। बुद्धिमान होने के कारण वो इस जंगल से सभी बंदरों का राजा भी था। एक दिन वो बंदर अपने सभी बंदर साथियों के साथ कूदते-फाँदते बहुत दूर आ गए। सभी बंदरों को प्यास लगने लगी। लेकिन वो एक ऐसी जगह पर पहुँचे जिसके निकट क्षेत्र में कहीं भी पानी नहीं था।
सभी बन्दर और उनके छोटे बच्चे प्यास से तड़प रहे थे। यह देख बुद्धिमान बन्दर ने कुछ बदरों को आस पास पानी तलाशने के लिए भेजा। थोड़े ही समय के बाद कुछ बंदरों ने एक तालाब ढूंढ निकाला। बंदरों का पूरा झुंड उस तालाब की और चल दिया। तालाब पर पहुंचते ही सभी बंदर पानी पीने को आतुर होने लगे। यह देख बुद्धिमान बंदर ने उन्हें रुकने के लिए कहा। यह सुन सभी बंदर उस बुद्धिमान बंदर को और देखने लगे। बुद्धिमान बंदर बोला, यह जगह हमारे लिए नई है इसलिए हमे इस जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अत: बुद्धिमान बंदर अपने साथी बंदरों के साथ तालब और उसके तटों का निरीक्षण व परीक्षण करने लगा।कुछ ही समय बाद उसने वहां कुछ ऐसे पैरों के निशान को देखा जो तालब की और जा तो रहे थे मगर तालब से बाहर को नहीं लौटे थे। बुद्धिमान बंदर सब कुछ समझ गया। उसने निष्कर्ष निकाला कि इस तालब में निश्चित ही कोई खतरनाक जानवर रहता है। जो भी अपनी प्यास बुझाने के लिए इस तालब पर जाता है यह खतरनाक जानवर उसे मार कर खा जाता है।
यह सुन सभी बन्दर मायूस हो गए। सभी को प्यास तो जोरों की लगी थी। तभी बुद्धिमान बंदर के दिमाग में एक विचार आया और वो सभी बंदरों से बोला, भले ही इस तालब में कोई खतरनाक जानवर क्यों न हो लेकिन हम सभी फिर भी अपनी प्यास भुझा सकते हैं। सभी बंदर उसकी बात उत्सुकता से सुनने लगे। बुद्धिमान बंदर बोला, ‘देखो तालब के चारों ओर बेंत के जंगल (पाइप जैसे डंडे ) थे जिन्हें तोड़कर हम उनकी नली से सुड़क-सुड़क कर पानी पी सकते थे। सारे बंदरों ने ऐसा ही किया और अपनी प्यास बुझा ली।
तालाब में वो खतरनाक जानवर उन्हें देखता रहा मगर उसकी शक्ति तालब तक ही सीमित थी, वह उन बंदरों का कुछ भी नहीं बिगाड़ सका । सभी बन्दर अपनी प्यास बुझाकर अपने वन की और लोट गए।
कहानी से शिक्षा –
चाहे कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न हो यदि बुद्धिमानी के साथ उस समस्या का हल खोजा जाये तो समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है
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