बहोत सल पुराणी एक बात है, एक स्नेह परिवार एक दिन शहर से बहार घूमने गए. पति पत्नी और एक मासूम बच्चा. ये बात उस समय की है जिस समय जंगल में खूंखार जानवर और खतरनाक डायनासोर रहा करते थे. स्नेह परिवार इस जंगल में घूमने गए पूरा दिन वो जंगल में घूमते रहे पक्षी - पशु देखते रहे सारे जानवर को मिलकर स्नेश परिवार बहुत खुश था.
अब घूमते घूमते रात बहुत हो गई थी तो सनेह परिवार ने खाना खाकर घर जाने के बारे में सोचा और वो पूरा परिवार रात मैं जंगल से निकले और रात का वक़्त था बारिश अचानक शुरू हो गई तो उन्होंने गाड़ी रोक कर वहीं रात गुजारी दूसरे दिन सुबह घर चल गए.
Beginning:-
सनेह परिवार पूरा खुश था जंगल मैं बहुत मजा किया वैसी बातें कर रहे थे अचानक उनके छोटे बच्चे की चिल्लाने की आवाज आयी. सब उसके पास गए और देखा तो एक मासूम प्यारा सा टाइगर'स का छोटा बच्चा गाड़ी की डिक्की में मिला सारे लोग हैरान लेकिन ये बच्चा खुश क्योंकि उसे एक नया दोस्त मिल गया था.
kid: so cute baby... ये सब मन ही मन मैं सोच रहा था. उसने इस छोटे टाइगर का नाम रखा किट्टु.
Kid: hi, किट्टु
किट्टू बहुत प्यारा था तो वो भी मन मैं जवाब देता. Hi, Kid
Second part:-
बहुत समय बीत गया किट्टू और बच्चा बहुत अच्छे और प्यारे दोस्त बनते गए. लेकिन वक़्त जाते - जाते किट्टू बड़ा होता गया और एक असली Tiger , खूंखार Tiger हो गया . अच्छी बात तो ये थी कि किसी को नुकसान नहीं पोहचता. बच्चे के साथ रहता और उसकी हिफाजत करता.
लेकिन एक दिन स्नेह परिवार को लगा अब किट्टू बड़ा हो गया है लोग डरने लगे है इससे कही किट्टू को कुछ करने दे लोग. कहीं किसी ने मार दिया तो? यहीं सब बातें सनेह परिवार को सता रही थी तो सब ने उस बच्चे को कहा और उसे जंगल में छोड़ आने की बात की बच्चे के आखों में आंसू आ गए लेकिन आपने परिवार के लिए और किट्टु के लिए उसने ये बात मान ली और उसे जंगल में छोड़ आने के लिए तैयार हो गया. जानवर भी सोचते है किट्टु की आँख में भी आंसू आ गए. उसे बहुत बुरा लगा दो दिन तक न ही दोनों घूमने गए न कि दोनों ने मजाक मस्ती की बस हर वक़्त आँसू आँखों मैं. अब वो दिन भी आगया जब किट्टु को लेकर सब जंगल में जाने वाले थे. किट्टू आंखों में आंसू लेकर चुप चाप गाड़ी मैं बैठा रहा और बस अपनी यादें यद् करता रहा.
जंगल में जाकर सब ने किट्टु को अलविदा कहा और सब बच्चे के साथ वापस आने के लिए निकले तो अचानक भूखे Tigerको झुंड आते हुए देखा सब गाड़ी के दरवाजे बंद करके बैठे रहे सरे डरे - डरे से बचा तो रोने भी लगा और सब स्नेह परिवार घबराये हुए उसे चुप करवा रहे थे.
और अचानक उन Tiger's ने उनपर हमला करने ही वाले थे तो कहीं से किट्टु आ पोहचा. किट्टू ने अकेले सरे टाइगर से लड़ा और खून से लटपट किट्टु न हार मानी न ही डरा और आपे सनेह परिवार को बचाया. आखिर में उसने अपना दम तोड़ दिया और गिर पड़ा पूरा परिवार गाड़ी मैं से बाहर निकला और किट्टु को गले लगाया और सब रोने लगे. मरते- मरते भी किट्टू ने स्नेह परिवार की जान बचायी और आपने प्यारे छोटे दोस्त की भी.
आज हमारे साथ भी कुछ कहीं ऐसा ही होता है जानवर हो या इंसान एक दूसरे से प्यार के रिश्ते में ही जुड़े है. प्यार का और सच्ची दोस्ती का एक अनोखा रिश्ता कहे तो किट्टू या सनेह परिवार.
इंसान और जानवर का प्यार और दोस्ती का एक अलग ही रिश्ता है जो समजे वो ही समजे. जानवर हो या इंसान एक दूसरे के अधीन ही है, हम या वो एक हम ही तो है. आज किट्टू ने सनेह परिवार की जान बचाई वैसे ही हमें इंसान को भी जानवर से प्यार करना और उन्हें हमरे जीवन का हिसा बनना चाहिए. तभी तो जानवर और इंसान एक हो पाएंगे.प्रकृति और समाज एक.
रोज रोज टाइगर जैसे कई जानवर है जो हमारे बीच ज्यादा नहीं रहे हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए.
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